Top Shodashi Secrets

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एकान्ते योगिवृन्दैः प्रशमितकरणैः क्षुत्पिपासाविमुक्तैः

सा नित्यं रोगशान्त्यै प्रभवतु ललिताधीश्वरी चित्प्रकाशा ॥८॥

सानन्दं ध्यानयोगाद्विसगुणसद्दशी दृश्यते चित्तमध्ये ।

वन्दे तामहमक्षय्यां क्षकाराक्षररूपिणीम् ।

When the Devi (the Goddess) is worshipped in Shreecharka, it is alleged being the best form of worship from the goddess. You can find 64 Charkas that Lord Shiva gave to the individuals, along with various Mantras and Tantras. These got so which the individuals could focus on attaining spiritual benefits.

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हरार्धभागनिलयामम्बामद्रिसुतां मृडाम् ।

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हार्दं शोकातिरेकं शमयतु ललिताघीश्वरी पाशहस्ता ॥५॥

षोडशी महाविद्या : पढ़िये त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥५॥

यामेवानेकरूपां प्रतिदिनमवनौ संश्रयन्ते विधिज्ञाः

इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान read more में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।

स्थेमानं प्रापयन्ती निजगुणविभवैः सर्वथा व्याप्य विश्वम् ।

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